क्या है टैक्स की नई ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम? कैसे मिलेगी पेनल्टी और मुकदमेबाजी से मुक्ति, जानिए हर सवाल का जवाब
e-dispute resolution Scheme: आयकर विभाग ने छोटे टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम को नोटिफाई किया है.
(Source: IANS)
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e-dispute resolution Scheme: आयकर विभाग ने छोटे टैक्सपेयर्स को राहत देने और अनावश्यक कानूनी मुकदमेबाजी से बचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. आयकर विभाग (Income Tax Department) ने इसके लिए एक ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम को लाया है, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में की थी.
आयकर विभाग (IT Department) की ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम का फायदा छोटे टैक्सपेयर्स को होगा. वह सभी टैक्सपेयर्स जिनकी कुल इनकम 50 लाख रुपये से कम और आयकर विवाद 10 लाख रुपये से अधिक का नहीं है, वह इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं. CBDT ने 5 अप्रैल को इस स्कीम को नोटिफाई किया है. आइए जानते हैं कि क्या आयकर विभाग की यह ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम.
ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन का मकसद
ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम की सहायता से कई समस्याओं का निपटारा होगा. 2020 में आई'विवाद से विश्वास स्कीम' टैक्स विवाद के निपटारे के लिए लाई गई थी. हालांकि, कोरोना महामारी के कारण इसमें सफलता कम मिली. वहीं ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन का दायरा छोटा है. केवल छोटे टैक्सपेयर्स ही इससे फायदा ले पाएंगे. वह टैक्सपेयर्स जिनकी टैक्सेबल इनकम 50 लाख रुपये से कम है, वही इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं.
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ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम में कैसे जाएं?
अगर आपके टैक्स असेसमेंट में 10 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आय पाई जाती है, तो आप ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम का सहारा ले सकते हैं. इसमें टैक्सपेयर्स को टैक्स ब्याज जमा पेनल्टी आदि से छुटकारा मिल जाता है. इसके जरिए आप मुकदमेबाजी से बच सकते हैं. वहीं, रेड पड़ने पर आर्थिक अपराध के मामले भी नहीं होंगे.
क्या है इस स्कीम की खासियत
ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम ऑनलाइन काम करती है. इसके लिए टैक्सपेयर्स को फॉर्म 34BC भरना होगा. टैक्सपेयर्स 1 हजार रुपये की फीस के साथ यह फॉर्म भर सकते हैं. आयकर विभाग की कमेटी इसकी ऑनलाइन सुनवाई करेगी और सही साबित होने पर पेनल्टी भी माफ होगी. केस रिजेक्ट होने पर आप अपील नहीं कर सकते हैं.
टैक्स पेनल्टी पर क्या करें?
डिसप्यूट रेजोल्यूशन के अलावा भी टैक्सपेयर्स के पास कुछ विकल्प मौजूद हैं. इसमें वह टैक्स पेनल्टी लगने पर टैक्स कमिश्नर से अपील कर सकते हैं. अगर आप टैक्स कमिश्नर के ऑर्डर से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप आयकर ट्रिब्यूनल भी जा सकते हैं. इसके साथ ही आप हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं.
06:56 PM IST